उत्तराखंड में शराब के ठेके के निलंबन पर विवाद खड़ा हो गया है। राजधानी दून में राजपुर रोड पर ओपन बार चलाने के आरोप में एक शराब की दुकान को निलंबित करने के मामले में जिला अधिकारी सविन बंसल और आबकारी आयुक्त हरिचंद सेमवाल आमने-सामने आ गए हैं। डीएम ने शराब की दुकान का लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित करने का आदेश दिया, जबकि आबकारी आयुक्त ने निलंबन पर स्टे देकर दुकान को खोलने के आदेश जारी कर दिए।
डीएम बंसल ने आबकारी आयुक्त को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है कि किस आधार पर निलंबन के आदेश को निरस्त किया गया। जिला प्रशासन को लगातार ओवररेटिंग और ओपन बार के संचालन की शिकायतें मिल रही थीं, जिसमें स्थानीय निवासियों ने शिकायत की थी कि ओपल लॉज बिल्डिंग स्थित शराब की दुकान में खुले में शराब पिलाई जा रही है, जिससे महिलाओं और युवतियों का निकलना मुश्किल हो रहा है।
डीएम ने एसडीएम सदर से जांच कराई, जिसमें पाया गया कि बेसमेंट में अवैध रूप से बार संचालित हो रहा है। जांच में अत्यधिक मात्रा में शराब की बोतलें और सेवन के लिए उपयोग में आने वाले कप और गिलास भी मिले। इसके चलते 15 दिन के लिए लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई की गई, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ।
आबकारी आयुक्त ने डीएम के आदेश के खिलाफ स्टे आर्डर जारी किया, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने डीएम से विरोध जताया। डीएम ने कहा कि जब आरोपों की पुष्टि हुई है, तो स्टे आर्डर क्यों दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि स्टे देने में किस नियम का पालन किया गया है, क्योंकि आबकारी आयुक्त ने निलंबन पर स्टे देने का कोई कारण नहीं बताया।
इस मामले में स्थानीय लोगों में आक्रोश है, और डीएम ने साफ किया है कि निलंबन अवधि में दुकान खोलने पर रोक लगाई गई है।