उत्तराखंड में बर्ड फ्लू का खतरा: जानवरों की डाइट से हटा चिकन, वन क्षेत्रों में हाई अलर्ट

उत्तराखंड में बर्ड फ्लू (H5N1 एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस) को लेकर सतर्कता तेज़ कर दी गई है। भले ही राज्य में अब तक संक्रमण का कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आया हो, लेकिन उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद और उत्तराखंड के उधम सिंह नगर (किच्छा क्षेत्र) में संक्रमण की पुष्टि के बाद एहतियाती कदमों को और सख्त कर दिया गया है।

बर्ड फ्लू का असर सिर्फ पक्षियों तक सीमित नहीं है, बल्कि जंगलों में रहने वाले जानवरों पर भी इसका साइड इफेक्ट दिखने लगा है। जानवरों की डाइट से चिकन जैसे पक्षी उत्पादों को पूरी तरह हटा दिया गया है, और कोरोना काल जैसी सतर्कता दोबारा अपनाई जा रही है।

राज्य वन विभाग ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, राजाजी नेशनल पार्क समेत सभी आरक्षित वन क्षेत्रों और चिड़ियाघरों में विशेष सतर्कता के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे पक्षियों की नियमित निगरानी करें, साफ-सफाई बनाए रखें और तय SOP (मानक संचालन प्रक्रिया) का कड़ाई से पालन करें।

नैनीताल जिला प्रशासन ने भी संक्रमण की आशंका को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी वंदना सिंह के आदेशानुसार, उत्तर प्रदेश (रामपुर) और उधम सिंह नगर से नैनीताल जिले में मुर्गियां, अंडे और पक्षी मांस लाने पर तत्काल प्रभाव से एक सप्ताह के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।

अन्य जनपदों से आने वाले पक्षी उत्पादों को केवल तभी लाया जा सकेगा जब पशु चिकित्साधिकारी द्वारा प्रमाणित किया गया हो कि वे संक्रमण मुक्त हैं।

राज्य सरकार ने सभी जिलों को अलर्ट पर रहने और रिपोर्टिंग व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, आमजन से अपील की गई है कि वे बर्ड फ्लू को लेकर अफवाहों से बचें और स्वास्थ्य विभाग तथा वन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

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