आखिरकार वन विभाग के पिंजरे में कैद हुआ बाघ, ग्रामीणों ने चेन की सांस

रामनगर। आदमखोर के आतंक से आखिरकार चुकुम गांव के लोगों को निजात मिल गई है। देर रात बाघ वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया है। इसके लिए वन कर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

बता दें कि शनिवार की सुबह ग्राम चुकुम में शौच के लिए गये 60 वर्षीय गोपाल राम को बाघ ने अपना निवाला बना दिया था। वन कर्मियों की मदद के बाद करीब दो घंटे बाद शव को बरामद किया गया था। इसके बाद से ग्रामीण काफी आक्रो​शित थे और बाघ को पकड़ने की मांग कर रहे थे। बाघ को पकड़ने के लिए वन कर्मियों ने मौके पर कैमरा ट्रैप व पिंजरा लगाया था।

बाघ को पकड़ने के लिए कॉर्बेट पार्क के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा. दुष्यंत शर्मा, कोसी रेंजर शेखर तिवाड़ी के नेतृत्व में रात भर टीम ने चुकुम गांव के जंगल में डेरा जमाया हुआ था। रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ दिगांथ नायक ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए मृतक के कपड़ों को पिंजरा के आसपास रखा गया था। रात करीब तीन बजे के आसपास बाघ पिंजरा में पहुंचा और फंस गया। बाद में उसे ट्रैंकुलाइज किया गया। रविवार सुबह जांच पड़ताल के बाद बाघ को ढेला रेस्क्यू सेंटर में भेजा।