उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के होने वाले निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को 6 नवंबर तक स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई। याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य सरकार 2011 की जनगणना के अनुसार निकायों में आरक्षण निर्धारित कर रही है, जबकि 2018 के निकाय चुनाव भी इसी आधार पर हुए थे।
उन्होंने तर्क किया कि वर्तमान में पहाड़ के मुकाबले प्रदेश के मैदानी इलाकों में ओबीसी वोट बैंक बढ़ा है, इसलिए ओबीसी समिति की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए।
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि आरक्षण को लेकर एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें आपत्तियों का निस्तारण 27 अक्टूबर तक किया जाएगा। इस मामले पर आगे की सुनवाई 6 नवंबर को होगी।