

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद धराली और हर्षिल क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। प्रशासन, सेना और वायुसेना की संयुक्त कार्रवाई के तहत अब तक 170 से अधिक लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर देहरादून पहुंचाया जा चुका है।
रविवार सुबह 11 बजे तक, मतली हेलीपैड पर 20 और लोगों को सुरक्षित लाया गया। मौके पर प्राथमिक स्वास्थ्य जांच के बाद सभी को उनके गंतव्यों के लिए रवाना कर दिया गया।
प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य पदार्थ, दवाइयां और आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की है। स्थानीय प्रशासन द्वारा घर-घर राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है ताकि कोई भी जरूरतमंद वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर राहत कार्यों में तेजी लाई गई है। क्षेत्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की टीमें 24 घंटे तैनात हैं, जो लगातार चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
पिछले तीन दिनों में वायुसेना के चिनूक, एमआई-17 और चीता हेलीकॉप्टरों की मदद से तीर्थयात्रियों और स्थानीय निवासियों को दुर्गम इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जिन क्षेत्रों तक सड़क मार्ग से पहुंचना संभव नहीं है, वहां हवाई मार्ग से सहायता पहुंचाई जा रही है।
आपदा के कारण हर्षिल घाटी का विद्युत तंत्र पूरी तरह ठप हो गया था। भारी वर्षा, भूस्खलन और बादल फटने से विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर और लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
इस संकट से निपटने के लिए उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने दो चरणों में काम किया। पहले चरण में, 125 केवीए का डीजल जनरेटर देहरादून से चिन्यालीसौड़ होते हुए हर्षिल तक एयरलिफ्ट किया गया। साथ ही, आवश्यक विद्युत सामग्री जैसे पोल, कंडक्टर, इंसुलेटर आदि को भी हेलीकॉप्टर से मौके पर भेजा गया।
सेना और प्रशासन के समन्वय से यह कार्य तेज़ी से पूरा किया गया और क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बहाल करने में सफलता मिली।