देहरादून। विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में आवास मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी एएचपी) के अर्न्तगत पांच आवासीय परियोजनाओं के तहत लाभार्थियों को आवास आवंटन किये। मंत्री ने कहा कि आवास विभाग द्वारा कुल 20 परियोजनाओं में कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मंगलौर रूडकी आवासीय परियोजना, हरिद्वार के तहत 542, अनेकीहेत्तमपुर आवासीय परियोजना, हरिद्वार के तहत 845, महुवाखेड़ागंज आवासीय परियोजना, उधमसिंह नगर के तहत 98, मानपुर आवासीय परियोजना, उधमसिंह नगर के तहत 108 तथा उमेधपुर-रामनगर आवासीय परियोजना, नैनीताल के तहत 390 कुल 1983 लाभार्थियों को आवास आवंटित किये गये हैं। आवास मंत्री ने कहा कि आवास आवंटन की प्रक्रिया को पूर्णतया पारदर्शी बनाये जाने हेतु ऑनलाईन लॉटरी के माध्यम से आवास आवंटन किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आवास आवंटन के समय वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए भूतल में आवास आवंटन किये जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आवास एवं विकास परिषद द्वारा अब तक आवासीय परियोजनाओं के प्रथम चरण में कुल लगभग 6463 आवासों का आवंटन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि शेष परियोजनाओं के आवंटन हेतु आवेदन पत्र लेकर आवास हेतु सत्यापन की कार्यवाही गतिमान है एवं शीघ्र ही इनका आवेदन भी सुनिश्चित कर लिया जायेगा। आवास मंत्री ने बताया कि उक्त परियोजनाओं में रू0 6.00 लाख प्रति आवास की दर से निजी विकासकों द्वारा आवास मय भूमि परिषद् को उपलब्ध करायी जा रही है, जिसमें से रू0 1.50 लाख भारत सरकार द्वारा अनुदान के रूप में तथा रू0 1.00 लाख राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दी जा रही है। शेष रू0 3.50 लाख लाभार्थियों द्वारा वहन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विकासकों को यह धनराशि उसके द्वारा किये गये निर्माण की मात्रात्मक एवं गुणात्मक जांचोपरान्त कार्य की प्रगति के अनुसार समय-समय पर निर्गत की जा रही है। मंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को ध्यान रखते हुए आवास आवंटन हेतु महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है अन्यथा की स्थिति में महिला एवं पुरूष को संयुक्त रूप से आवास आवंटन किये जा रहे हैं। इस अवसर पर विधायक, रानीपुर आदेश चौहान एवं विधायक, रामनगर, दिवान सिंह बिष्ट, अपर आवास आयुक्त, प्रकाश चन्द्र दुम्का, अधिशासी अभियन्ता, आनन्द राम तथा अन्य विभागीय अधिकारी एवं परियोजना के लाभार्थी उपस्थित रहे।