देहरादून। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित ‘आदर अभिनन्दन, आभार मिशन सिलक्यारा’ कार्यक्रम में श्रमिक संगठनों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग से 41 श्रमिकों को सकुशल निकालने के लिए सिलक्यारा रेस्क्यू में लगी केन्द्र एवं राज्य सरकार की सभी एजेंसियों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया। इस मुश्किल घड़ी में श्रमिकों ने जो धैर्य रखा वो हम सभी को हमेशा प्रेरित करने का काम करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और श्रमिकों की हिम्मत से ही यह रेस्क्यू अभियान सफल हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस रेस्क्यू ऑपरेशन की उनसे प्रत्येक दिन अपडेट लेते थे और श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए विशेषज्ञों और आवश्यक उपकरणों की जो भी आवश्यकता पड़ी, प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में शीघ्रता से प्राप्त होते रहे। इस रेस्क्यू अभियान के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम भी नियमित तौर पर मौके पर रही। केन्द्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके.सिंह भी इस रेस्क्यू अभियान के दौरान लगातार सिलक्यारा में मौजूद रहे। केन्द्रीय एवं राज्य की एजेंसियों द्वारा समन्वय के साथ कार्य कर इस ऑपरेशन को सफल बनाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रमिकों के परिजनों ने उस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है। उन्होंने इस बचाव अभियान में लगे सभी लोगों का भी राज्य की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टनल में फंसे श्रमिकों के धैर्य ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी का मनोबल बढ़ाया। अनेक प्रयासों के बाद भी जब समय अधिक लग रहा था तो, श्रमिकों ने कहा कि अधिक समय लगने की उनको चिंता नहीं है, प्रयास हो कि वे सुरक्षित बाहर निकल जाएं। श्रमिकों के इन शब्दों ने रेस्क्यू अभियान में लगे सभी लोगों का हौंसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हमारे श्रमिक एक बेहतर और समृद्ध भारत की नींव तैयार कर रहे हैं। “श्रमेव जयते“ के मंत्र को ध्यान में रखकर केन्द्र व राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में श्रमिकों के कल्याण के लिए निरंतर कटिबद्ध है। केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों में अनेक बदलाव किए हैं। श्रम सुविधा पोर्टल शुरू किया गया है, जिसके अंतर्गत आठ अहम श्रम कानूनों को एक कर उनके सरलीकरण का काम किया गया है। आज हर श्रमिक को एक विशेष लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर दिया जा रहा है ताकि उसकी पहचान की जा सके जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ मिल सके। श्रमिक और नियोजक के बीच बेहतर तालमेल हो सके इसके लिए नेशनल सर्विस पोर्टल भी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती पर 13 हजार करोड़ की पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की, इससे देशभर के लगभग 30 लाख श्रमिक परिवारों को लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों सहित अन्य श्रमिक भाइयो को बिना गारंटी के न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। आजादी के बाद इतने बड़े स्तर पर इस योजना के लागू होने से स्पष्ट है कि अंत्योदय के सिद्धान्त पर कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। सचिव श्रम आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि मिशन सिलक्यारा एक चुनौतीपूर्ण टास्क था। पूरे देश और दुनिया की नजरें इस पर थी।
उन्होंने कहा कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू में लगे लोगों का लगातार मनोबल बढ़ाया। कल्याणकारी राज्य हर वर्ग के प्रति संवेदनशील होता है, इसका परिचय मुख्यमंत्री ने दिया। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग द्वारा शीघ्र ही श्रम विभाग की चौपाल आयोजित की जायेगी। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के सुमित सिंघल ने कहा कि सिलक्यारा मिशन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिस तरह मौके पर डटे रहे और हर पल की अपडेट लेते रहे, उन्होंने अपने जीवनकाल में किसी रेस्क्यू अभियान में इस दृढ़ता से कार्य करने वाले किसी मुख्यमंत्री को नहीं देखा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने किस तरह श्रमिकों की चिंता की और उनका जीवन बचाया, यह सबने देखा। उन्होंने कहा कि इस मिशन की सफलता के बाद श्रमिकों का मनोबल बहुत बढ़ा है। ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन के अध्यक्ष नवीन कुरील ने कहा कि सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर रहकर जिस तरह सबका मनोबल बढ़ाया वह सराहनीय था। उन्होंने कहा कि इस मिशन की सफलता के बाद सबके दिलों में उनके लिए अलग जगह बनी है। इस अवसर पर श्रमायुक्त दीप्ति सिंह, विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि और श्रमिकों के परिजन मौजूद रहे।