उत्तराखंड के कुमाऊं में बाल विवाह के मामले लगातार प्रकाश में आए हैं। ऐसा ही मामला पिथौरागढ़ जिले में सामने आया है। यहां पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने नाबालिग लड़की की शादी रूकवा दी। पुलिस की काउंसलिंग के बाद किशोरी के परिजनों ने बालिग होने पर ही शादी करने का फैसला किया।
पुलिस के मुताबिक 16 जून.2024 को एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पिथौरागढ़ को सूचना मिली कि, थाना नाचनी क्षेत्रान्तर्गत एक नाबालिग लड़की की शादी होने जा रही है। इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़, श्रीमती रेखा यादव के आदेशानुसार, एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट एवं चाइल्ड हेल्प लाइन टीम नाचनी पहुँची, जहाँ थाना नाचनी पुलिस से इस सम्बन्ध में जानकारी करने के पश्चात दोनों पक्षों को थाना नाचनी बुलाया गया।
लड़की का जन्म प्रमाण पत्र चैक किया गया तो उसकी उम्र- 18 वर्ष से कम होना पाया गया। जिस पर पुलिस टीम द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष दोनों पक्षों की काउंसलिंग की गई। बाल विवाह से सम्बन्धित कानून के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि नाबालिग की शादी कराना कानूनन अपराध है।
दोनों परिवारों द्वारा अपनी गलती स्वीकार करते हुए बताया कि उन्हें कानून की जानकारी नहीं थी, अब वह दोनों के बालिग होने पर ही उनकी शादी करेंगे, जिस सम्बन्ध में उनके द्वारा लिखित प्रार्थना पत्र दिया गया। काउन्सलिंग के पश्चात लड़की को सकुशल उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया।
पुलिस टीम में एचसीपी तारा बोनाल, हेड कांस्टेबल दीपक खनका,कांस्टेबल निर्मल किशोर, चाइल्ड हेल्प लाइन से लक्ष्मण एवं उर्मिला कार्की तथा थाना नाचनी पुलिस टीम शामिल थी।