जनसुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता, सड़क सुरक्षा के लिए उठाएं ठोस कदम : डीएम

उत्तराखंड में बढ़ते सड़क हादसों की रोकथाम के लिए अब जिलास्तर पर कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में निर्माण कार्यों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों के साथ सड़क सुरक्षा कार्यों पर चर्चा की गई। यह बैठक ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट में हुई, जिसमें जिलाधिकारी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और अन्य कार्यों को दूसरी प्राथमिकता में रखा जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि “हर एक जीवन अमूल्य है” और सड़क सुरक्षा को महज औपचारिकता नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा का मतलब केवल क्रॉस बैरियर नहीं है, बल्कि समुचित सड़क सुधारीकरण और ठोस प्रबंध जरूरी हैं। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जनसुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

उन्होंने निर्देश दिया कि संबंधित विभाग सड़क सुरक्षा के कार्यों का आगमन तैयार करें, जिन्हें धन की स्वीकृति के लिए शीघ्र शासन को प्रेषित किया जाएगा। सड़क सुरक्षा से संबंधित प्रस्तावों को दो दिन के भीतर प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। बैठक में एनएच और लोनिवि के अधिकारियों ने विभिन्न सड़क सुधारीकरण कार्यों की जानकारी दी, जैसे नेपाली फार्म से दाल वाला तक और अजबपुर से मोकमपुर तक एलिवेटेड रोड।

इसके अलावा, डीएम ने चौराहों के सुधार और सड़क सुरक्षा के लिए योजनाओं को शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने अंडरपास और अंडर पार्किंग के प्रस्ताव बनाने का भी निर्देश दिया और चौराहों के चौड़ीकरण तथा सड़क सुधारीकरण के कार्यों को सड़क सुरक्षा के साथ जोड़ते हुए शासन को धन की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया।

जिलाधिकारी ने सड़क सुरक्षा कार्यों के तहत स्टॉप लाइन, ज़ेबरा क्रॉसिंग आदि का काम तुरंत शुरू करने के लिए कहा और इसके लिए 20 लाख की राशि की स्वीकृति दी। इसके अलावा, वाहनों की गति पर नियंत्रण लगाने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।