लालकुआं। छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) द्वारा शहीदे आज़म भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहादत दिवस 23 मार्च को बिंदुखत्ता में दीपक बोस भवन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। भगत सिंह और साथियों के साम्राज्यवाद विरोधी- साम्प्रदायिकता विरोधी संघर्ष को याद करते हुए क्रांतिकारी जोश-खरोश के साथ उनके विचारों के अनुरूप फासीवाद को मिटाने और अन्याय पर आधारित मौजूदा समाज व्यवस्था में आमूल परिवर्तन के रास्ते पर चलने और बराबरी पर आधारित एक समतामूलक शोषणमुक्त शहीदों के सपनों का भारत बनाने की लड़ाई को तेज करने का संकल्प लिया गया। 23 मार्च को ही शहीद हुए क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश को भी याद किया गया।
विचार गोष्ठी में बोलते हुए भाकपा (माले) के जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “भगत सिंह और साथियों के विचार आज के हालात में और भी प्रासंगिक हो गए हैं। ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई ब्रिटिश साम्राज्यवादी कंपनी राज के खिलाफ केंद्रित थी आज के नए फासीवादी कॉरपोरेट कंपनी राज के विरुद्ध दूसरी आज़ादी की लड़ाई की जरूरत है। इसलिए अंग्रेजों के खिलाफ चली आज़ादी की लड़ाई के प्रतीक, उसके विचार, उसके नायक, उनकी विरासत और बलिदान इस दूसरी आज़ादी की लड़ाई के लिए सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत हैं। भगत सिंह और साथियों की वैचारिक विरासत का भविष्य के भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।”
छात्र संगठन आइसा के जिला अध्यक्ष धीरज कुमार ने कहा कि, “क्रांतिकारी भगत सिंह के विचार युवाओं के सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत हैं। छात्र और राजनीति, साम्प्रदायिक दंगे और उनका इलाज, अछूत समस्या जैसे उनके कई लेख आज भी देश की समस्याओं के समाधान के लिए रास्ता दिखाने का काम कर रहे हैं। भगत सिंह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के ऐसे प्रकाश स्तंभ हैं जिनके विचार क्रांतिकारी बदलाव के लिए चलने वाले किसी भी संघर्ष में रास्ता दिखाने का काम करते रहेंगे।”
इस अवसर पर आइसा के नैनीताल जिला अध्यक्ष धीरज कुमार, भाकपा (माले) के नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, उधमसिंहनगर जिला सचिव ललित मटियाली, अनीता अन्ना, विमला रौथाण, दीपक कुमार टम्टा, गोविन्द राजभर, प्रभात पाल, रोहित बिष्ट, अस्मिता, कमल जोशी, प्रिया, विशाल, अनीता, मनोज मेहता, आंचल, कशिश, विवेक आदि शामिल रहे।