उत्तराखंड में साइबर ठगी का एक और मामला प्रकाश में आया है। ऋषिकेश में सब इंस्पेक्टर बने शातिर ठग ने मेडिकल स्टोर संचालक को मनी लॉन्ड्रिंग की 19 शिकायत होने का डर दिखाया। झांसे में आकर संचालक ने करीब 10 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। रकम रिफंड नहीं होने पर संचालक को धोखाधड़ी का अहसास हुआ। शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक हरीश चंद्र सिंह नेगी निवासी विनोद विहार कॉलोनी, खदरी, ऋषिकेश ने तहरीर दी। बताया कि 20 जुलाई को मोबाइल फोन पर कॉल आई। अज्ञात कॉलर ने कहा कि खुद को ट्राई का सदस्य बताया। बातचीत करते हुए कॉल मुंबई पुलिस को ट्रांसफर करने की बात कही। दूसरे अज्ञात ने खुद को मुंबई पुलिस को सब इंस्पेक्टर कहा। मनी लॉन्ड्रिंग में 19 शिकायतें दर्ज होने का डर दिखाया।
बैंक खाते का नंबर भेजकर उसमें रकम ट्रांसफर करने को कहा। झांसे में आकर अपने खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 10 लाख और 85 हजार रूपये ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित ने बताया कि कॉलर ने जांच के बाद रकम रिफंड करने की बता कही थी, लेकिन कई दिनों बाद भी जब बैंक खाते में रिफंड नहीं आया, तो धोखाधड़ी का पता चला। श्यामपुर चौकी प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि पीड़ित क्षेत्र में मेडिकल स्टोर संचालित करते हैं। मुकदमा दर्ज कर अज्ञात की पहचान को प्रयास तेज कर दिए हैं।