उत्तराखंड में एक बार फिर बर्फबारी का जोरदार सिलसिला जारी है, जिसने प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों को बर्फ की सफेद चादर में लपेट दिया है। सरोवर नगरी नैनीताल में इस साल की पहली बर्फबारी हुई, जिसके बाद शहर के ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में बर्फ की परत जम गई है। साथ ही, बदरीनाथ, हेमकुंड, औली, नीति घाटी, गोपेश्वर, मंडल और चोपता जैसे प्रसिद्ध क्षेत्रों में भी जमकर बर्फबारी हुई है।
बर्फबारी के कारण प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में शीतलहर का असर महसूस किया जा रहा है। गोपेश्वर-मंडल चोपता मार्ग 40 से 48 किलोमीटर तक बर्फबारी के कारण बंद हो गया है, जिससे यातायात में बाधाएं उत्पन्न हो गई हैं। वहीं, अन्य पहाड़ी जिलों में भी बर्फबारी का सिलसिला जारी है, जिससे वहां की वादियां बर्फ से ढक गई हैं।
मौसम में आई अचानक बदलाव के कारण पहाड़ों से लेकर मैदानों तक ठंड में बढ़ोतरी हुई है। मसूरी, औली, चकराता और नैनीताल जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी हुई, जिससे इन क्षेत्रों के दृश्य और भी खूबसूरत हो गए हैं। पैदल रास्तों और खेतों में बर्फ जम गई है और मैदानी इलाकों में बारिश के साथ कोहरा छा गया है, जिससे तापमान में गिरावट आई है।
नैनीताल में इस वर्ष का पहला हिमपात हुआ, जिससे यहां की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, औली और गौरसों बुग्याल जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फबारी हो रही है। औली में बर्फबारी के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है और यहां के होटल और लॉज भर चुके हैं।
चकराता के लौखंडी, कोटी-कनासर, जाड़ी, बुल्हाड़, देववन, और केराड़ क्षेत्रों में भी भारी बर्फबारी हुई है, और जमीन पर कई इंच मोटी बर्फ जम गई है। यह बर्फबारी स्थानीय किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि यह उनकी फसलों और फलों के लिए लाभकारी है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि देहरादून, नैनीताल, टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी और चम्पावत में बिजली चमकने और तेज गर्जन की संभावना जताई है।