शासन ने इस तेज तर्रार अधिकारी को दी खनन निदेशक की जिम्मेदारी

उत्तराखंड को नया खनन निदेशक मिल गया है। शासन ने इसकी जिम्मेदारी तेज तर्रार अधिकारी राजपाल लेघा को सौंपी है। श्री लेघा कल तक भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखंड में प्रभारी निदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके आदेश खनन सचिव बृजेश कुमार संत ने जारी किया है।

खनन विभाग की नब्ज पकड़ने के कारण कांग्रेस सरकार के दौरान 2013 में उन्हें उपनिदेशक के पद पर पहली पदोन्नति मिली फिर लगातार लेघा को अलग अलग ज़िलों की भी जिम्मेदारी मिलती रही। इसमें उधमसिंहनगर में 74 करोड़,चम्पावत में 37 करोड़ रूपये, पिथौरागढ़ में 38 करोड़ रूपये, बागेश्वर और अल्मोड़ा में रिकॉर्ड तोड़ राजस्व देकर सभी की नज़रो में चढ़ गए और सरकारों की आँखों के तारे बन गए। इतना ज्यादा राजस्व देने पर राजपाल लेघा के प्रमोशन का सिलसिला चल पड़ा और सन 2021 में खनिज एवं भूतत्व विभाग के सयुंक्त निदेशक कुमाऊँ के पद पर तैनाती हुई।

सरकार में अपने काम के बालबूते राजपाल लेघा को सन 2022 में अपर निदेशक देहरादून के पद पर प्रमोशन मिला, जिसके बाद लेघा ने खनन पट्टो, समतालीकरण रिवर ड्रजिंग गौला, कोसी और नंधोर नदी में पर्यावरण का ख्याल रखते हुए व्यवस्थित खनन नीति 2022 बनाई जिससे सरकार का राजस्व 646 करोड़ रूपये हो गया। विभाग में निदेशक रहे एसएल पैट्रिक के हटने पर 1 मई2024 को सरकार ने उन्हें प्रभारी निदेशक और आज़ 1 जुलाई 2024 को निदेशक की जिम्मेदारी दी है।