सरकार बनाएगी वेडिंग डेस्टिनेशन नीति, जल्द ही सामने आएंगे परिणाम: धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को कैम्प कार्यालय सभागार में डेस्टिनेशन वेडिंग पर उत्तरी भारत के प्रमुख वेडिंग प्लानर्स के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित हुई। बैठक में उत्तरी भारत के 75 से अधिक प्रमुख वेडिंग प्लानर्स ने प्रतिभाग किया, जिसमें से वैडिंग प्लानर- सौरभ व सुश्री सीता ने अपने अनुभव साझा करते हुये बताया कि आज कल के युवाओं को वेडिंग के लिये नेचुरल व्यू चाहिये, जिसके लिये उत्तराखण्ड बेस्ट वेडिंग डेस्टिनेशन है तथा यहां का मौसम भी काफी अच्छा है।

उन्होंने बताया कि वे अब तक 60 से अधिक शादियों की व्यवस्था कर चुके हैं। इसी प्रकार वेडिंग प्लानर शैलजा व आयुष ने बताया कि हम देवभूमि उत्तराखण्ड के ऋषिकेश, त्रियुगीनारायण, चकराता आदि में वेडिंग करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यहां का वातावरण, मौसम, प्रकृति की विविधता आदि को देखते हुये देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रति लोगों का जबरदस्त आकर्षण है। सीजेवाई गुड़गांव से वेडिंग प्लानर सुश्री रेनू ने अपने अनुभव बताते हुये कहा कि हम अभी तक 200 से अधिक विवाह करा चुके हैं। इसी तरह अपने-अपने सुझाव बैठक में वेडिंग प्लानर्स ने साझा किये। मुख्यमंत्री ने बैठक में वर्चुवल रूप से जुड़े हुये देश के प्रमुख वेडिंग प्लानर्स का हार्दिक स्वागत व अभिनन्दन करते हुये कहा कि आप वेडिंग के क्षेत्र में पहले से जुड़े हुये हैं तथा आप लोगों ने काफी अच्छे-अच्छे सुझाव वेडिंग डेस्टिनेशन के सम्बन्ध में दिये हैं, जिन्हें जल्दी ही अमल में लाया जायेगा।

मुख्यमत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कई ऐसे धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण स्थल है, जिन्हें फिल्मों की शूटिंग के साथ-साथ प्री-वेंडिंग शूट के लिए भी प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि चारधाम के अलावा उत्तराखंड का नैसर्गिक सौंदर्य हमेशा से देश-दुनिया के लोगों को आकर्षित करता रहा है तथा अब वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी प्रदेश खास पहचान बनाएगा। सरकार उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए एक विस्तृत नीति बनाने पर कार्य कर रही है और जल्द ही उसके सुपरिणाम सामने आएंगे, उन्होंने यह भी कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षा के अनुरूप उत्तराखंड जल्द ही वेडिंग डेस्टिनेशन के क्षेत्र में भारत ही नहीं वरन विश्व में नंबर 1 बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां त्रियुगीनारायण है, जहां शिव-पार्वती विवाह संपन्न हुआ था, यहां जागेश्वर धाम है, यहां बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जैसे मंदिर हैं, यहां रामनगर जैसा वृहद वन क्षेत्र है। यहां आदि कैलाश है, यहां क्या नहीं है। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में आप सभी के सुझावों को लेकर पॉलिसी बनाने के साथ ही हमारा हर प्रकार का सहयोग आप सभी को प्राप्त होगा।इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर0के0 सुधांशु, विशेष सचिव डॉ0 पराग मधुकर धकाते, गिरिजा शंकर जोशी, गौरव, तरूण सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारी गण उपस्थित थे।