उत्तराखंड के चम्पावत में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को विशेष सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने दोषी पाया है। उसे 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही दोषी पर 60 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
अभियोजन के अनुसार चम्पावत कोतवाली अंतर्गत निवासी एक युवक ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि वह अनुसूचित जाति का व्यक्ति है। जीआईसी चौक निवासी अभियुक्त राकेश महरा अप्रैल 2019 में उसकी 16 वर्षीय बहन को शादी के नाम पर बहला फुसला कर ले गया। उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद दूसरे दिन घर पर छोड़ गया। पीड़िता ने परिजनों को आपबीती बताई। पीड़ित पक्ष की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म व एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ।
मामला कोर्ट में चला। जहां दोनों पक्षों की दलीलों व साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की कोर्ट ने अभियुक्त को दुष्कर्म का दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। एससी एसटी एक्ट में उसे दोषमुक्त किया गया। अर्थदंड के रूप में जमा होने वाली 50 हजार रुपये की धनराशि प्रतिकर के रूप में पीड़िता को दी जाएगी। अभियोजन की ओर से केएस राणा ने पैरवी की। दोष सिद्ध करने के लिए कोर्ट में सात गवाह पेश किए।