
उत्तराखंड में पिछले सप्ताह हुई भारी बारिश ने सामान्य मानसून के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है। 28 अगस्त से 3 सितंबर के बीच प्रदेश में औसत से करीब 200% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इससे पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे राज्यभर में 284 सड़कें बंद हो चुकी हैं।
सबसे ज्यादा असर उत्तरकाशी और चमोली में देखा गया, जहां क्रमशः 54 और 41 सड़कें अवरुद्ध हुई हैं। अन्य जिलों जैसे रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, और पिथौरागढ़ में भी कई मार्ग बंद हैं। इससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश के आँकड़े चौंकाने वाले हैं।
बागेश्वर में 274.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 686% अधिक है। ऊधमसिंह नगर में 327 मिमी बारिश हुई – 440% अधिक। वहीं पौड़ी जिले में अपेक्षाकृत कम वर्षा हुई – सिर्फ 73 मिमी, जो सामान्य से 9% कम है।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए भी चेतावनी जारी की है। देहरादून, नैनीताल और चंपावत जिलों में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही अन्य इलाकों में भी गरज के साथ बारिश की संभावना है।
हालांकि मैदानी जिलों में दिन के समय धूप खिलने से गर्मी बढ़ सकती है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में अब भी मौसम अस्थिर बना हुआ है।
