उत्तराखंड के जंगलों की आग मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, त्वरित सुनवाई की मांग

उत्तराखंड में जंगलों के धधकने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस मामले को ईमेल के साथ ही सूचीबद्ध करने पर विचार किया जाए। वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जंगल की आग से संबंधित मुद्दे पर तीन याचिकाएं चार साल से अदालत में लंबित हैं। इस मामले पर निर्णय लेना जरूरी है।

उत्तराखंड के कई जिलों में जंगलों में आग लगी हुई है। नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी आदि जिलों में जंगल की आग से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं। चम्पावत में जंगलों की आग से पाटी में एक घर जल कर राख हो गया। इसके आलवा जंगलों की आग से गोलडांडा गांव में गेहूं की खड़ी फसल जल कर राख हो गई।

इतना ही नहीं मरोड़ाखान-बाराकोट मार्ग में बंतोली के पास जंगल की आग से एनएच की प्रोटक्शन मैच जलकर राख हो गई। पाटी ब्लॉक के चल्थियां गांव में वनाग्नि से एक छोड़े हुए मकान में आ लग गई। आग लगने से मकान को नुकसान पहुंचा है।

पीड़ित भवन स्वामी ने मुआवजा देने की मांग की है। भिंगराड़ा क्षेत्र के विलखा तोक में जंगल की आग ने एक मकान को चपेट में लिया। पीड़ित जगदीश सिंह ने बताया कि शनिवार शाम को जंगल की आग उनके मकान तक पहुंच गई। उन्होंने पाटी के एसडीएम को ज्ञापन देकर मुआवजा देने की मांग की है।

इधर पाटी तहसील के रजिस्ट्रार कानूनगो मनोज गहतोड़ी ने बताया कि चल्थियां में गैर आबाद मकान को आग से नुकसान पहुंचा है। बताया कि नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। वनाग्नि से एनएच में लगाई प्रोटेकशन मैट राख हुई लोहाघाट। मरोड़ाखान-बाराकोट मार्ग में बंतोली के पास जंगल में आग लग गई।

एनएच की प्रोटेक्शन मैट वनाग्नि की चपेट में आने से राख हो गई। इससे लाखों रुपये का नुकसान हो गया। कार्यदायी संस्था ने नुकसान की सूचना एनएच और वन विभाग को दी है। आरजीबीएल के लाइजनिंग ऑफीसर गिरीश ढेक ने बताया कि शनिवार शाम को मरोड़ाखान बाराकोट मार्ग में बंतोली के पास जंगल में आग लग गई।

वनाग्नि से एनएच की दीवार में लगाई प्रोटेक्शन मैट जलकर राख हो गई। बताया कि मैट की लंबाई 60 मीटर और ऊंचाई 50 मीटर है। लाइजनिंग ऑफीसर ने बताया कि प्रोटेक्शन मैट जलने के कारण करीब 10 से 15 लाख रुपये का नुकसान हो गया है।