ग्राम प्रधान का अपमान, 24 घंटे में गिरफ्तारी न हुई तो आंदोलन

मुख्यमंत्री की विधानसभा के एक ग्राम महिला अनुसूचित जनजाति समुदाय की ग्राम प्रधान के गले में जूते की माला डाले जाने की घटना पर जिले के पंचायत प्रतिनिधियों ने कड़े शब्दों में निंदा की।

उन्होंने कहा कि 48 घंटा बीत जाने के बाद भी पुलिस ने एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की है। मुख्यमंत्री की विधान सभा में इतनी शर्मनाक घटना घटित हुई और वे चुपचाप है। इस मुद्दे को उत्तराखंड के कोने-कोने  में पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा उठाया जाएगा। उन्होंने पुलिस की लापरवाही पर देहरादून में मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक से शिकायत करने की बात कही।

चंपावत जनपद के विकासखंड चंपावत के अंतर्गत एक ग्राम प्रधान को आपदा राहत साम्रगी बांटे जाने के कार्यक्रम में पहुंचने पर जूते की माला डाले जाने की घटना घटित हुई है। तहसीलदार तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की सूचना पर ग्राम प्रधान गयी थी।

इस घटना के बाद उत्तराखंड के कोने-कोने में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। राज्य के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को ईमेल के माध्यम से पंचायत संगठन द्वारा विज्ञापन भेजकर इस घटना के बाद पुलिस की भूमिका की निंदा की है।

संगठन के कार्यक्रम संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि घटना के बाद नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी ना होना पुलिस की भूमिका पर सवाल पैदा करता है। उन्होंने कहा कि किसके इशारों पर पुलिस इन आरोपियों को बचा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य में बाधा तथा आपदा एक्ट के सुसंगत धाराओं को भी जोड़ते हुए 24 घटे के भीतर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर टनकपुर कूच का निर्णय लिया जाएगा।

विरोध स्वरूप टनकपुर में स्थित मुख्यमंत्री के कैम्प कार्यकाल का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के कालखंड में इस तरह की घटना हमारे समाज  को शर्मसार करता है।