एम्स में ऑपरेशन के दौरान महिला चिकित्सक से छेड़खानी मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। सीओ के निर्देशन में पुलिस से दो महिला दरोगा, एक महिला कांस्टेबल, एम्स पुलिस चौकी इंचार्ज और एम्स के विधि अधिकारी और रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि एसआईटी में शामिल होगा।
पुलिस व एम्स प्रशासन की मौजूदगी में रेजीडेंट डाक्टरों के साथ हुई वार्ता में यह निर्णय लिया गया है। मामले की शिकायत के बाद से रेजीडेंट डॉक्टर कार्य बहिष्कार पर रहे। उनकी मांगों पर एम्स प्रशासन ने सकारात्मक आश्वासन दिया, तो आंदोलन स्थगित कर दिया गया। इससे पहले आंदोलित रेजीडेंट डॉक्टरों ने एम्स परिसर में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन भी किया और एम्स प्रशासन पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगाया।
आंदोलित रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना है कि एम्स प्रशासन व पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और आरोपी को बचाने का प्रयास करने के लिए ओटी के दस्तावेजों में सहायक नर्सिंग अधिकारी ने छेड़छाड़ की है। उनका भी निलंबन किया जाए। इसके अलावा रेजीडेंट डॉक्टरों ने कार्यस्थल पर कार्मिकों की सुरक्षा के लिए एसओपी तैयार करने की भी मांग की।
कार्यस्थल पर कार्मिकों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग भी रेजीडेंट डॉक्टरों ने अधिकारियों के समक्ष प्रमुखता से रखी। रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना था कि भविष्य में इस तरह की घटना न हाे यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। इसके लिए एसओपी तैयार की जानी चाहिए। रेजीडेंट डॉक्टरों ने इसके लिए प्रशासन को 15 दिन का समय दिया है। एम्स प्रशासन का कहना है कि जल्द ही एसओपी बना दी जाएगी।