हल्द्वानीः महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष मधु सांगूड़ी ने उत्तराखंड की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण की बात तो करती है, लेकिन असल में महिला स्वयं सहायता समूहों को खत्म करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पूर्व कांग्रेस सरकार के समय से चल रही पोषाहार राशन योजना को एन.सी.सी.एफ. के माध्यम से वितरित करने का निर्णय लिया है, जो महिला समूहों के अस्तित्व पर सीधा हमला है।
सांगूड़ी ने जानकारी दी कि उत्तराखंड में लगभग 10,000 महिला स्वयं सहायता समूह 2013 से आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रहे हैं। इस योजना से करीब 9 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। हाल ही में, राज्य सरकार ने इन समूहों से टी.एच.आर. का कार्य छीनकर बड़े ठेकेदारों को सौंपने के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की।
इसके खिलाफ स्वयं सहायता समूहों ने आंदोलन किया और उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 25 नवंबर 2021 को न्यायालय ने उनके पक्ष में निर्णय दिया, लेकिन इसके बाद भी उन्हें आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उच्च न्यायालय ने टेक होम राशन की टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए भाजपा सरकार से सवाल उठाया कि क्यों स्वयं सहायता समूहों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया। इससे लगभग 40,000 महिलाओं के स्वरोजगार पर खतरा मंडरा रहा था।
नवंबर 2022 में, राज्य सरकार ने टेक होम राशन योजना को बंद कर दिया, यह कहते हुए कि यह भारत सरकार के आदेशों का पालन है। अब, राज्य सरकार बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए 250 करोड़ का ठेका एन.सी.सी.एफ. को देने की योजना बना रही है, जबकि नैफेड और केंद्रीय भंडारण से भी आवेदन मांगे गए थे।
सांगूड़ी ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार का महिलाओं के सशक्तीकरण का दावा केवल एक दिखावा है। यदि सरकार ने अन्य राज्यों की तरह महिला स्वयं सहायता समूहों का सहयोग नहीं किया, तो महिला कांग्रेस राज्य सरकार की महिला विरोधी नीतियों के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी।
इस दौरान भागीरथी बिष्ट, शोभा बिष्ट, शशि वर्मा, रत्ना श्रीवास्तव, पुष्पा नेगी, जया पाठक, मीमांशा आर्य, नीलू नेगी, लता पांडे, माया वर्मा और मुन्नी पंत ने कहा कि आगामी 30 सितंबर को हल्द्वानी में आयोजित जन आक्रोश रैली में महिला कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ सड़कों